शहर में गुढ़ीपाड़वा पर सर्राफा दुकानें बंद होने पर प्रतिक्रियाएं
व्यवसायियों को 100 करोड़ का नुकसान : लगातार दूसरे वर्ष गुढ़ीपाड़वा के मुहूर्त पर बंद रहीं दुकानें
पिंपरी, 13 अप्रैल (आ.प्र.)
पिंपरी-चिंचवड़ शहर में सबसे बड़ा नुकसान सराफा व्यावसायियों को हुआ है. दुकानें पिछले सप्ताह भर से बंद है. गुढ़ीपाड़वा के मुहूर्त पर भी सराफा दुकानें बंद होने पर व्यावसायियों को करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इस प्रकार लगातार दूसरे साल गुढीपाड़वा पर दुकानें बंद रही हैं, साढ़े तीन में से एक मुहूर्त के रूप में गुढ़ीपाड़वा को माना जाता है.
मराठी नववर्ष का पहला दिन के रूप में इसका बड़ा महत्व है. पाड़वा के दिन लोग सोना भी खरीदते हैं, परंतु इस बार कोरोना के कारण कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं. अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानें बंद हैं. सराफा दुकानें भी आठ दिनों से बंद हैं, जिससे सराफा व्यावसायियों का बड़ा नुकसान हुआ है.
लॉकडाउन के कारण नागरिक सोने की खरीदारी नहीं कर रहे : हिमांशु सोलंकी
भोसरी के सोलंकी ज्वेलर्स के हिमांशु सोलंकी ने कहा कि, आठ दिनों से दुकानें बंद हैं. गुढीपाड़वा को सुबह दुकान खोली थीं, लेकिन ग्राहक नहीं आ रहे हैं. दुकानें खुली नहीं होने के कारण लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिन लोगों ने आर्डर दिया था, वे लोग सोना लेकर जा रहे हैं. लोग सुरक्षितता देख रहे हैं लॉकडाउन हुआ तो परेशानी नहीं होनी चाहिए. इसलिए लोग पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं. जान बची तो सोना खरीदने की भूमिका लोगों की है. सोने की खरीदी लोग सबसे आखिर में करते हैं. इस बार व्यवसाय में 50 प्रतिशत की कमी आई है. लॉकडाउन के डर के कारण लोग अधिक संख्या में घर से बाहर नहीं निकले