ग्राहकों की संतुष्टि ही सोलंकी ज्वेलर्स की असली पहचान
धनतेरस के दिन खरीददारों की उमड़ी भीड़
भोसरी, 22 अक्टूबर
(आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
दिवाली में दीयों और लाइटिंग की रौनक, पटाखों की आतिषबाजी, विभिन्न प्रकार के खाद्यपदार्थों का स्वाद और नए कपड़ों की शान होती है, इसी तरह दिवाली में सोने-चांदी के जेवरों की खरीदी भी बड़े उत्साह के साथ की जाती है. शहर में कई ज्वेलर्स हैं, इनमें सोलंकी ज्वेलर्स ने अपनी खास पहचान बनाकर लोगों का भरोसा जीत लिया है. धनतेरस के दिन खरीददारों की भीड़ देखी गई
सोलंकी परिवार के छगनराज मानमल सोलंकी ने 80 वर्षों पहले सोने-चांदी व्यवसाय शुरू कर लोगों का भरोसा कायम रखा है. सन 1983 में भोसरी के दिघी रोड पर सोलंकी ज्वेलर्स की शुरूआत की गई. उसके बाद 1990 में सांगवी, नवी सांगवी और पिंपले गुरव सोने-चांदी के आभूषणों का साढ़े तीन हजार स्क्वेयर फीट में दो मंजिला सबसे बड़ा शोरूम सोलंकी ज्वेलर्स बनाया गया.
सोलंकी परिवार के कनकराज सोलंकी, मदनकुमार सोलंकी, अशोक सोलंकी, मुकेश सोलंकी इन चार भाइयों सहित उनके बेटे मयूर सोलंकी, राहुल सोलंकी, हिमांशु सोलंकी, मेहुल सोलंकी और अमित सोलंकी चौथी पीढ़ी तक यह व्यवसाय सफल तरीके से जारी रखते हुए सोने-चांदी के नए नए आभूषणों से व्यवसाय को नई ऊंचाई तक लाए हैं. ग्राहकों को सोने-चांदी के पारंपरिक जेवरों सहित नए जमाने के जेवर मिलने से युवक-युवतियों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ग्राहक सोलंकी ज्वेलर्स को जेवरों की खरीदी के लिए पसंद करते हैं. ओरिजनल हॉलमार्क सोने के जेवरों की कई सारी वैरायटीज सोलंकी ज्वेलर्स में उपलब्ध हैं. एंटीक, टेम्पल जेवरों से लेकर आधुनिक पद्धति के कई प्रकार के जेवर यहां उपलब्ध हैं. इसमें तीन ग्राम से लेकर डेढ़ सौ ग्राम के जेवर शामिल हैं. महिलाओं के सौभाग्य के प्रतीक मंगलसूत्र के सैकड़ों नए प्रकार यहां मिलेंगे. नेकलेस, ब्रासलेट, चेन, अंगूठियां, कंगन और कोल्हापुरी जेवरों से विभिन्न प्रकार के जेवर भोसरी और सांगवी के सोलंकी ज्वेलर्स में उपलब्ध हैं. इसके साथ ही 99.5 प्रतिशत शुद्ध सोने के घेरे भी यहां उपलब्ध हैं. इटालियन जेवरों का बड़ा रेंज सोलंकी ज्वेलर्स में देखने को मिलेगा.